Saturday, January 7, 2012

इस साल करूँगा ऐसा कुछ...

माँ-बाप करेंगे मुझ पर गर्व, इस साल करूँगा ऐसा कुछ.

परीक्षाओं के समय दिल लगा के मेहनत करूँगा,
गलत ना समझो, पुस्तक नहीं सूरत-पुस्तक (facebook) का अध्ययन करूँगा;
किसी ना किसी अमीर कन्या को मेरी स्तिथि (status) ज़रूर भा जाएगी,
परीक्षाएं गयी भाड़ में, अमीर ससुर मिल गया तो ज़िन्दगी सुधर जाएगी.

और मैं तो एक नहीं दो-दो लड़कियां पटाऊंगा,
एक को पापा और एक को माँ से मिलवाऊंगा.
पापा कहेंगे वाह बेटा क्या माल पटाई है,
माँ कहेगी वाह, इस लड़की ने तो मस्त चाय बनायी है.

पर अपनी किस्मत पर मुझे नहीं है अधिक भरोसा,
इसी लिए शायद सब कहते रहते हैं "तेरा तो कुछ नहीं होगा".
अमीर लड़की ना पटी तो सरकारी नौकरी का चक्कर चलाऊंगा,
माँ के मामा के दोस्त के भतीजे के जरिये बड़े अफसर को घूस खिलाऊंगा.

गलत ना समझना, मुझे नौकरी-चाकरी से नहीं है अधिक सरोकार,
लेकिन पैसे ना कमाए तो माँ-बाप बोरिया बिस्तर सहित कर देंगे फरार.
पर कब तक साहब (boss) के सामने काम का ढोंग करूँगा,
वो मुझे निकाल दे इससे पहले मैं खुद ही त्याग-पत्र दे दूंगा.

पर कोई फ़िक्र नहीं, इस देश में बेरोज़गार को भी कुछ ना कुछ काम मिल ही जाता है,
सीधी ऊँगली से बात ना बने तो ऊँगली टेढ़ी करना हम सभी को आता है.
नौकरी से निकाल दिया तो boss के ऊपर ही भ्रष्टाचार का आरोप जड़ दूंगा,
अन्ना की team के साथ मिल कर, उसी दफ्तर के सामने धरना-प्रदर्शन करूँगा.

मुझे फिर गलत ना समझना, मेरा ईमानदार बनने का कोई इरादा नहीं है,
India में ज्यादा ईमानदार बनने का वैसे भी कोई फायदा नहीं है.
मैं तो बस इमानदारी का ढोंग कर अपने boss को blackmail करूँगा,
और सब plan के मुताबिक चला, तो पुरानी girlfriend के अमीर बाप को भी भ्रस्ताचार के लपेटे में ले लूँगा.

बस फिर क्या, ससुर के पैसों से घर पे ऐश करूँगा,
कभी-कभी office जाकर secretary के साथ romance करूँगा.
माँ कहेगी बेटा तूने बहुत होशियारी से पैसा बनाया है,
और पापा कहेंगे, धोकेबाज़ी से ही सही पर तूने खूब नाम कमाया है.

माँ-बाप करेंगे मुझ पर गर्व, इस साल करूँगा ऐसा कुछ.