(एकदम original है, और फ़ोकट में पढने मिल रही है.... इसलिए पसंद आये या ना आये, दाद ज़रूर दीजियेगा :) )
पलकें उठें तो दिन, जुल्फें गिरे तो बारिश,
News channel पे मौसम की जानकारी का program लगती हो |
Party पे बाहर जाने के लिए जब बन-संवर के आती हो,
तो December के महीने में Gateway of India की शाम लगती हो |
Office से थक के घर आने पर जब प्यार से "ए जी" कहके बुलाती हो,
शाहरुख़ की film की mantinee show ticket का इंतज़ाम लगती हो |
गुस्से में तंतानाये हुए बड़ी-बड़ी आँखें दिखाती हो,
तो IIT-JEE में Mathematics का exam लगती हो |
मेरी आदतों से तंग आकर जब छोड़ जाने की धमकी देती हो,
तो निर्दोष मुजरिम पर लगाया हुआ झूठा इल्ज़ाम लगती हो |
आधी रात को जब अँधेरे में romantic गाने सुनाती हो,
तो विविध भारती पर चित्रमाला का program लगती हो |
और जब सामने बैठे घंटों मीठी-मीठी बातें करती हो,
तब क्या कहें, बस दिवाली पर दस-हज़ार लड़ी वाला bomb लगती हो ||
KAMAAL HAI BAS KAMAAL HAI KASAM SE.......
ReplyDeleteKya likha hai, waise kahan se churaya zoozoo ????
By d way its fab..
Fantastic dear.
Keep it up !!!
ha ha ha ha... sahi hai sir ji... college mein to aapka yeh roop nahi dekha... sahi hai... lage raho...
ReplyDeletebam hai bhai!!!
ReplyDeletewahh wahh... Subhan Allaa... sahi hai bhai.
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